Pashupalan Loan Scheme: ग्रामीण इलाकों में रहकर डेयरी या पशुपालन व्यवसाय करने वालों के लिए अब केंद्र सरकार और विभिन्न बैंक मिलकर एक बड़ा मौका दे रहे हैं। पशुपालन लोन योजना के तहत इच्छुक लोग दुधारू पशुओं की खरीद या मौजूदा व्यवसाय के विस्तार के लिए आसानी से वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं। योजना का उद्देश्य विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को आत्मनिर्भर बनाना और गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ाना है।
कितना मिलेगा लोन और कौन-कौन से बैंक देंगे सुविधा
इस योजना में लाभार्थियों को दुधारू पशुओं की खरीद के लिए अधिकतम ₹10 लाख तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। यह सुविधा सरकारी और निजी दोनों तरह के बैंकों से ली जा सकती है। प्रमुख बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं। इसके अलावा नाबार्ड के जरिए भी इस योजना का लाभ लिया जा सकता है। खास बात यह है कि यदि आवेदक ₹1.6 लाख तक का लोन लेते हैं, तो उन्हें किसी प्रकार की बैंक गारंटी देने की आवश्यकता नहीं होती।
लोन चुकाने की अवधि एवं आर्थिक बोझ
लोन की अदायगी के लिए लाभार्थियों को पर्याप्त समय दिया जाता है। योजना के तहत पुनर्भुगतान अवधि 3 वर्ष से लेकर 7 वर्ष तक हो सकती है, जिससे आवेदक अपनी सुविधा के अनुसार किश्तों का भुगतान कर सकते हैं।
इस योजना की सबसे खास बात इसमें मिलने वाली सरकारी सब्सिडी है। पात्र लाभार्थियों को 25% से 35% तक की सब्सिडी दी जाती है, जिससे लोन का बोझ काफी हद तक कम हो जाता है। महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति के आवेदकों को सब्सिडी दर में अतिरिक्त लाभ मिलता है। हालांकि सब्सिडी की सटीक दर बैंक और क्षेत्रीय नीतियों पर निर्भर करती है।
जरूरी दस्तावेज एवं आवेदन प्रक्रिया
योजना का लाभ लेने के लिए आवेदकों को आधार कार्ड, पैन कार्ड, पहचान और निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, भूमि से जुड़े दस्तावेज, हालिया बैंक स्टेटमेंट, पासपोर्ट साइज फोटो और मोबाइल नंबर प्रस्तुत करना आवश्यक है। यदि आवेदक पहले से पशुपालन कर रहा है, तो उससे संबंधित रिपोर्ट भी जमा करनी होगी।
पशुपालन लोन के लिए सबसे पहले इच्छुक व्यक्ति को संबंधित बैंक की शाखा में जाकर योजना की विस्तृत जानकारी प्राप्त करनी होगी। इसके बाद बैंक द्वारा दिए गए आवेदन पत्र को सही जानकारी के साथ भरकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा करना होगा। बैंक अधिकारी सभी दस्तावेजों की जांच करने के बाद पात्रता के आधार पर लोन स्वीकृत करेंगे। मंजूरी मिलने पर राशि सीधे आवेदक के खाते में भेज दी जाएगी।
ग्रामीण विकास में बड़ा योगदान
विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना न केवल ग्रामीण किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि दुग्ध उत्पादन और पशुपालन के क्षेत्र में भी निवेश को प्रोत्साहित करेगी। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।