IMD Rain Red Alert: राजस्थान में मॉनसून का दूसरा चरण 15 अगस्त से जोर पकड़ने जा रहा है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक यह सक्रियता अगले 3-4 सप्ताह तक बनी रह सकती है, जिससे राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश के कई जिलों में लगातार बारिश का दौर देखने को मिलेगा।
मौजूदा मौसम परिदृश्य
12 अगस्त 2025 की रात 11 बजे जारी विश्लेषण के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-उत्तरपश्चिमी और मध्य हिस्सों में एक मजबूत चक्रवाती सिस्टम मौजूद है, जो अगले 24-36 घंटों में निम्न दबाव क्षेत्र में तब्दील होगा।
- उत्तर-पश्चिम उत्तरप्रदेश पर बना एक अन्य सिस्टम हिमालयी राज्यों—हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर—की ओर बढ़ रहा है, जिससे वहां भारी से अति भारी वर्षा हो सकती है।
- दक्षिण भारत में उत्तर-मध्य कर्नाटक पर बने सिस्टम के कारण मध्यम से तेज और कहीं-कहीं भारी बारिश जारी है।
- मॉनसून ट्रफ इस समय दक्षिण-मध्य पंजाब से होकर पूर्वोत्तर राज्यों तक फैली है और 13-14 अगस्त को राजस्थान की ओर खिसकने लगेगी।
राजस्थान में बारिश का नया दौर
14 अगस्त को गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, अलवर, भरतपुर और सवाई माधोपुर सहित उत्तरपूर्वी व मध्य राजस्थान में बारिश की शुरुआत होगी। 15-16 अगस्त को ट्रफ फलौदी, बीकानेर, नागौर, अजमेर, भीलवाड़ा, कोटा होते हुए निम्न दबाव क्षेत्र तक बनी रहेगी, जिससे अजमेर, कोटा, उदयपुर, जयपुर, भरतपुर और पूर्वी-मध्य जोधपुर संभाग में मध्यम से तेज, कहीं-कहीं मूसलाधार वर्षा हो सकती है। दक्षिण-पूर्व राजस्थान के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की संभावना भी जताई गई है।
बंगाल की खाड़ी से आने वाले नए सिस्टम
- 18-20 अगस्त: बंगाल की खाड़ी में एक और निम्न दबाव क्षेत्र बनेगा, जो डिप्रेशन में बदलकर दक्षिण राजस्थान और उत्तर गुजरात की ओर बढ़ेगा। इस दौरान गुजरात में अधिक वर्षा और जलभराव की स्थिति बन सकती है।
- 24-26 अगस्त: तीसरा निम्न दबाव बनने की संभावना है, जो कोटा, भरतपुर, जयपुर और अजमेर होते हुए राजस्थान में व्यापक वर्षा देगा। नदियां-नाले उफान पर आ सकते हैं और बड़े बांधों से पानी की निकासी करनी पड़ सकती है।
- 29-31 अगस्त: बंगाल की खाड़ी में दो निम्न दबाव बनने की 60% संभावना, जबकि 27 अगस्त से 7 सितंबर के बीच अरब सागर में बड़े सिस्टम बनने की 40% संभावना है।
चेतावनी और असर
- कई जिलों में भारी से अति भारी वर्षा से जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।
- किसानों के लिए यह समय फसलों की सिंचाई के लिहाज से अनुकूल रहेगा, हालांकि ज्यादा बारिश से निचले इलाकों में नुकसान भी हो सकता है।
- पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और सड़क अवरोध का खतरा रहेगा।
अन्य मौसम संकेतक
भूगर्भीय तापमान 35.19°C तक दर्ज किया गया, जो पिछले 40 दिनों में सर्वाधिक है। हवाएं दक्षिण-पूर्वी दिशा में बह रही हैं और जोधपुर संभाग के दक्षिणी हिस्सों में स्थानीय सर्कुलेशन बनने के संकेत हैं। MJO वर्तमान में फेज-3 में है, जो बंगाल की खाड़ी में गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है, और महीने के चौथे सप्ताह में फेज-2 पर जाने से अरब सागर में भी अनुकूल परिस्थितियां बन सकती हैं।